आदणीय वैद्य जी, नमस्कार, मै एक ३७ साल की घरेलु औरत हुँ। लगभग २ सालॊ से मुझे मासिक धर्म मे बहुत दर्द होता है और भुख भी नही लगती , पेट भी बडा हुआ है, बी, पी भी लो रहता है सारा दिन चक्कर से आते रहते है । कव्ज भी बनी रहती है ।कृपया उचित सलाह दे,
सुदेश कॊशिक
बाजुरु और तली हुइ चिजों का परहेज रखें। मै कुछ आयुर्वेदिक औषधियां लिख रहा हुँ , उनको आप सुदेश जी , सबसे पहले तो आप अपनी दिनचर्या को नियमित किजिये समय पर सादा खाने ले और लगातार २ महीनो तक लिजिये और मासिक के दिनों मे मत लिजियेगा
कुमारयासव २० मि. लि. + २० मि. लि. पानी मिलाकर दो समय खाना खाने के बाद ( कुमारयासव जितना पुराना मिले उतना ही ठीक है)
अविपत्तिकर चुर्ण २ ग्रा. या एक चमच खाना खाने से पहले दो बार
आयुर्वेद मे निष्ठा रख कर ये औषधिया लिजिये और कुछ ही दिनों मे आप सवस्थ महसुस करोगी
आज के आधुनिक युग मे जहाँ हमने दवाईयों से कई बीमारीयों पर फतह पायी है, वही इनके साईड-इफ़ेक्ट के कारण कई नयी बीमारीयों से ग्रस्त भी हुए हैं, हमारा यह प्रयास होगा कि आप तक ऐसे अचूक तरीके ले आयें ताकि आप बिना किसी अतिरिक्त हानि के स्वास्थ्य लाभ कर सकें।
आज ३० सितम्बर को जीवनऊर्जा के द्वारा १०००वें प्रश्न का समाधान दिया गया। वो भी तब जब जीवनऊर्जा पर नए पोस्ट नहीं डाले जा रहे हैं, मैं समझती हूं कि यह अपने आपमें जीवनऊर्जा के लिए बड़ी उपलब्धि है। जीवनऊर्जा यानि कि आप, मैं और वह हरेक व्यक्ति जो ऊर्जान्वित जीवन जीने की तमन्ना रखता है। आप सबको जीवनऊर्जा की तरफ से ढ़ेरो बधाई।
हम आपके प्रश्नों को पाकर एवम उनके समाधान की कोशिश कर अत्यंत प्रसन्न हो रहे हैं। आगे भी ये सिलसिला यूंही बना रहेगा। आप मुझे avgroup@gmail.com पर अपने सवाल यूंही भेजते रहें और जीवनऊर्जा से अपना स्नेह बनाएं रखें।
हमें यह बताते हुए भी हर्ष हो रहा है कि अब कुछ दिनो से हनी मनी नामक प्रत्रिका में भी जीवनऊर्जा के लेख नियमित रूप से हर महीने आने लगे हैं। उस पत्रिका के पाठको का स्नेह भी जीवनऊर्जा को वैसा ही मिल रहा है जैसा आपने दिया। ..... तहेदिल से शुक्रिया
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