आज ३० सितम्बर को जीवनऊर्जा के द्वारा १०००वें प्रश्न का समाधान दिया गया। वो भी तब जब जीवनऊर्जा पर नए पोस्ट नहीं डाले जा रहे हैं, मैं समझती हूं कि यह अपने आपमें जीवनऊर्जा के लिए बड़ी उपलब्धि है। जीवनऊर्जा यानि कि आप, मैं और वह हरेक व्यक्ति जो ऊर्जान्वित जीवन जीने की तमन्ना रखता है। आप सबको जीवनऊर्जा की तरफ से ढ़ेरो बधाई।

हम आपके प्रश्नों को पाकर एवम उनके समाधान की कोशिश कर अत्यंत प्रसन्न हो रहे हैं। आगे भी ये सिलसिला यूंही बना रहेगा। आप मुझे avgroup@gmail.com पर अपने सवाल यूंही भेजते रहें और जीवनऊर्जा से अपना स्नेह बनाएं रखें।

हमें यह बताते हुए भी हर्ष हो रहा है कि अब कुछ दिनो से हनी मनी नामक प्रत्रिका में भी जीवनऊर्जा के लेख नियमित रूप से हर महीने आने लगे हैं। उस पत्रिका के पाठको का स्नेह भी जीवनऊर्जा को वैसा ही मिल रहा है जैसा आपने दिया। ..... तहेदिल से शुक्रिया

May 21, 2007

जीवन उर्जा ......


जीवन उर्जा ......

ऊर्जा है तो जीवन है, या यूँ कहिये ऊर्जा ही जीवन है,

सम्पूर्ण ब्रम्हांड ऊर्जा से बना हूआ है और ऊर्जा मे स्थित है, अतएव जीवन में उर्जा ना हो तो ज़िंदगी चलना मुश्किल हो जाएगा।


हमारा शरीर भी एक ऊर्जा केंद्र है .. प्रत्येक व्यक्ति ऊर्जा-शक्ति की ईकाई है, बस ज़रूरत है उसको महसूस करके जगाने की
आज के प्रदूषण युक्त वातावरण में वातावरणीय दबाव, मानसिक तनाव के साथ आप्राकृतिक जीवन शैली के साथ मन शरीर और आत्मा को स्वस्थ बनाये रखना मुश्किल होता जा रहा है इन सबका एक कारण है कि हर वस्तु, व्यक्ति की ऊर्जा अपने आपमे सम्पुर्ण और संतुलित होना चाहिये, पर आज के परिवेश मे इसका संतुलन बिगडता जा रहा है और यही संतुलित रखने का काम करते हैं।
लेकिन हमारेअसंतुलन सभी तरह के परेशानियों का केन्द्र बनता जा रहा है।
जिस तरह सभी समस्याओ का समाधान होता है, इस समस्या का सामाधान भी है, और वो समाधान अपने शरीर के ही अंदर विद्यमान है।

हमारे शरीर मे ऊर्जा के 7 केन्द्र यानि कि 7 चक्र है, जिनको जागृत करके सभी परेशानियो से निजात पाया जा सकता है

स्थूल रूप मे ये चक्र हमारे शारिरीक ऊर्जा और ब्रम्हांडीय ऊर्जा मे तारत्म्य स्थापित करके हमारे जीवन ऊर्जा को कितने ही कारणो से ये चक्र शुषुप्त अवस्था मे रहते हैं, अब जरूरत है इन चक्रो को जागृत अवस्था मे लाया जाये और अपने जीवन ऊर्जा को संतुलित किया जाये।

इस प्रक्रिया की कई विधिया है, हम इस कडी मे उन्ही विधियो पर बात करेंगे, और अपने जीवन को ऊर्जामय बनायेंगे।और अपने अन्दर छिपी इन शक्तियों को पहचाने साथ ही इन नियमों का पालन करे ताकि आपकी आत्मा उस उर्जा को ग्रहण करे
1..केवल आज के दिन मैं ग़ुस्सा नही करूँगा /करूंगी

2 केवल आज के दिन मैं चिंता नही करूंगी /करूँगा

3केवल आज के दिन में अपना काम ईमानदारी से करूँगा / करूंगी

4. केवल कुदरत कृपा का आभार मानूगा/ मानूगी

5. केवल आज के दिन मैं जीव मात्र से प्रेम करूँगा / करूंगी

4 comments:

  1. मात्र पढ कर ही उर्जामय हो गया तन भी मन भी।

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  2. अपका ब्लॉग गेट-अप ही ऊर्जावान है. बधाई.

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  3. आप यूँ ही उर्जा वान रहे यह हमारी दुआ है
    आप सबका बहुत बहुत शुक्रिया

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