जीवन उर्जा ......
ऊर्जा है तो जीवन है, या यूँ कहिये ऊर्जा ही जीवन है,
सम्पूर्ण ब्रम्हांड ऊर्जा से बना हूआ है और ऊर्जा मे स्थित है, अतएव जीवन में उर्जा ना हो तो ज़िंदगी चलना मुश्किल हो जाएगा।आज के प्रदूषण युक्त वातावरण में वातावरणीय दबाव, मानसिक तनाव के साथ आप्राकृतिक जीवन शैली के साथ मन शरीर और आत्मा को स्वस्थ बनाये रखना मुश्किल होता जा रहा है । इन सबका एक कारण है कि हर वस्तु, व्यक्ति की ऊर्जा अपने आपमे सम्पुर्ण और संतुलित होना चाहिये, पर आज के परिवेश मे इसका संतुलन बिगडता जा रहा है और यही संतुलित रखने का काम करते हैं। लेकिन हमारेअसंतुलन सभी तरह के परेशानियों का केन्द्र बनता जा रहा है।
जिस तरह सभी समस्याओ का समाधान होता है, इस समस्या का सामाधान भी है, और वो समाधान अपने शरीर के ही अंदर विद्यमान है।
हमारे शरीर मे ऊर्जा के 7 केन्द्र यानि कि 7 चक्र है, जिनको जागृत करके सभी परेशानियो से निजात पाया जा सकता है
स्थूल रूप मे ये चक्र हमारे शारिरीक ऊर्जा और ब्रम्हांडीय ऊर्जा मे तारत्म्य स्थापित करके हमारे जीवन ऊर्जा को कितने ही कारणो से ये चक्र शुषुप्त अवस्था मे रहते हैं, अब जरूरत है इन चक्रो को जागृत अवस्था मे लाया जाये और अपने जीवन ऊर्जा को संतुलित किया जाये।
इस प्रक्रिया की कई विधिया है, हम इस कडी मे उन्ही विधियो पर बात करेंगे, और अपने जीवन को ऊर्जामय बनायेंगे।और अपने अन्दर छिपी इन शक
1..केवल आज के दिन मैं ग़ुस्सा
2 केवल आज के दिन मैं चिंता नही
3केवल आज के दिन में अपना काम
4. केवल कुदरत कृपा का आभार मान
5. केवल आज के दिन मैं जीव मात्र से प्रेम करूँगा / करूंगी
मात्र पढ कर ही उर्जामय हो गया तन भी मन भी।
ReplyDeleteजारी रहें...
ReplyDeleteअपका ब्लॉग गेट-अप ही ऊर्जावान है. बधाई.
ReplyDeleteआप यूँ ही उर्जा वान रहे यह हमारी दुआ है
ReplyDeleteआप सबका बहुत बहुत शुक्रिया