जीवन ऊर्जा का महत्व आपके जीवन मे
पोस्ट जीवन ऊर्जा मे हमने आपको उसके बारे मे बताने की भरसक कोशिश की थी कि कोई भी नकारात्मक सवाल पैदा नही होने से हम ये समझ सकते हैं कि हमारा प्रयासा सार्थक रहा और हम अपने उद्देश्य मे पूर्णतः सफल हूए, यह जानकर हमे अतीव प्रसन्नता हो रही है।
इस कडी मे जो आगे बताने के प्रयास मे हूँ वो बहूत ही आम सवाल है कि, जीवन ऊर्जा हमारे जीवन पर किस-किस दिशा से कारगर है।
वैसे तो ये सवाल ही अधुरा है, पुछना यह चाहिये की जीवन ऊर्जा किस क्षेत्र मे कारगर नहीं है। मेरा यह निजी अनुभव है कि जीवन ऊर्जा जीवन के हर क्षेत्र मे कारगर है, और हो भी क्यूँ ना, यह ऊर्जा ही तो हमारा जीवन है। फिर भी रोज ही इस सवाल से सामना होता है, मुझे आश्चर्य तब हुआ जब कल ऊर्जा चिकित्सा पद्धति के एक grand master ने भी मुझसे यही सवाल पुछा, मेरे आश्चर्य प्रकट करने पर उन्होंने कहा कि गरिमा इस सवाल का जवाब या तो बस अध्यात्मिक भाषा में है या लोगों ने इसे व्यव्साय मे लाने के लिये इतने लबे चौड़े मुद्दे बना दिये हैं, दोनो ही स्थिती मे आम जनता इस ऊर्जा के उचित प्रयोग से वंचित रह जाती है। उनसे बात करने के पश्चात मुझे भी आभास हुआ कि गुरू जी की बात सही है, तब मैं आप दोस्तो के लिये भी इसका जवाब लिखने के लिये सोच लिया।
मेरे खयाल से मुझे यहाँ भी बात को साहित्यिक और अध्यात्मिक मोड़-तोड़ दिये बिना मुझे सटीक जवाब पर आ जाना चाहिये।
ऊर्जा चिकित्सा पद्धति का उपयोग -
1. स्वास्थ्य ही परम धन है - मेरा मतलब है कि ऊर्जा चिकित्सा पद्धति का उपयोग अपने नाम के अनुरूप चिकित्सा के लिये किया जाता है। ध्यान रहे कि यह प्रक्रिया धीमी गति से होती है, इसलिये जानलेवा बिमारियों के वक्त सिर्फ इस चिकित्सा पद्धति के सहारे ना रहें।
अब सवाल उठता है कि यह पद्धति किन किन मर्जो के इलाज मे सक्षम है?
जहाँ तक मैने पढ़ा है, शायद ही ऐसी कोई बिमारी हो जिसके इलाज मे यह पद्धति सक्षम ना हो, हाँ यह बात उस डॉक्टर पर निर्भर है कि वह किस हद तक इस पद्धति मे सिद्ध-हस्त है।
दुसरी बात, यह मरीज पर भी निर्भर है कि उसका शारिरीक ऊर्जा किस हद तक जीवन ऊर्जा को ग्रहण करन मे सक्षम है, और मरीज की जीवन ऊर्जा किस हद तक असंतुलित है, एवं बाहरी कारणों से संतुलन मे रूकावट तो नही पैदा हो रही है। उदाहरण स्वरूप- मेरे पास एक मिर्गी रोगी आये थे, जिनका लम्बे अर्से से मेडिकल- नॉन मेडिकल उपचार चल रहा था, पर उन्हे उचित फायदा नही मिला, यहाँ कुछ दिन इलाज करने के बाद भी उनको निराशा ही मिल रही थी, एक लम्बे अर्से बाद (करीबन 1 महीने बाद) उनमें सुधार संभव हो सका, जाहिर सी बात है, सब बहुत खुश थे, फिर उन्होने पहले जिन ऊर्जा चिकित्सक से चिकित्सा कराया था, उनसे बात हूई, हमारी बात-चीत के दौरान, मैने उन्हे बताया कि असंतुलित औरा को सिर्फ संतुलित ही नही करना था, बाहरी भाग से असंतुलन ना हो इसका भी खयाल रखना था, और इनका औरा पुरी तरह असंतुलित भी था, इस कारण चिकित्सा मे देर हूई पर बाह्य कारक को अगर नही संभाला जाता तो चिकित्सा शायद ही सफल होती। ऐसे ही हाई ब्लड प्रेशर के एक मरीज आये, उनके चिकित्सा मे सिर्फ इतना ही करना था कि, बाह्य कारक से उनके ऊर्जा असंतुलित होने से बचाना था, और वो स्वतः ही ठीक हो गये।
इस पद्धति मे सिर्फ एक ही शर्त है कि जिस मरीज की चिकित्सा की जा रही है, उसकी पूर्व सहमति ले ली जाये, अन्यथा यह चिकित्सा कारगर नही होगी। मरीज अगर पूर्ण विश्वास से चिकित्सा करवाये तो मरीज जल्द ठीक होता है। ( यह बात निश्चेत अवस्था के मरीज तथा बच्चो पर लागू नही होती)
2. माहौल ठीक करने मे भी चिकित्सा ऊर्जा कारगर है- जैसे कि घर मे ज्याद तनाव रहता हो, ऑफिस मे तनाव रहता हो। इस वक्त भी ऊर्जा चिकित्सा कारगर है। विस्तृत जानकारी औरा मंडल और हमारे संबन्ध अंक मे लिखूँगी।
3. किसी भी कारण की वजह से अगर आप बार-बार असफलता के शिकार हैं, तब भी यह पद्धति कारगर है।
4. पालतू पशुओ के देखरेख मे भी इसका उपयोग होता है।
5. खेती मे इसक प्रयोग करके फसल की पैदावार बढ़ाई जा सकती है।
यह तो रहे मुख्य कारण... इसके बाद मैं फिर अपनी पुरानी बात दुहरा कर जाती हूँ "ऊर्जा चिकित्सा पद्धति जीवन के हरेक क्षेत्र मे कारगर है"। जरूरत है सही सुझबुझ के साथ इसको उपयोग मे लाने की।
जीवन ऊर्जा से सम्बन्धित किसी भी तरह के जानकारी के लिये हमसे ranjanabhatia2002@gmail.com या avgroup@gmail.com पर सम्पर्क करें।
दिन दिन नई जानकारियाँ मिल रही है आपके लेखों से। आशा है आपके लेखों से लोगों के मन में इस तरह की चिकित्सा पद्दति के प्रति छाई भ्रान्तियाँ दूर होगी साथ ही इस तरह के रोगियों का भी भला होगा।
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