मनुष्य में जो संपूर्णता गुप्त रूप से विद्यमान है, उसे प्रत्यक्ष करना ही शिक्षा का कार्य है। - स्वामी विवेकानन्द
इसी तथ्य को ध्यान मे रखते हुये, महीनों के शोध से मैंने 'स्मरण शक्ति' बढाने के लिये इस पाठ्यक्रम को बनाया है।
कमजोर याददाश्त से होने वाली परेशानियों से कौन वाकिफ नही है!
स्कूल कॉलेज, ऑफिस में समाज में इस कारण कई बार हताश, निराश और अपमानित होना पडता है। इन घटनाओं के कारण इंसान संकुचित स्वभाव का होता जाता है, घोर निराशा में डूबकर समाज से कट कर रह जाता है, या चिड़चिडा़ और क्रोधी हो जाता है, जिससे लोग उसकी और अवहेलना करने लगते हैं। ये दोनों बातें इंसान के वर्तमान और भविष्य पर बहुत गहरा और बुरा असर डालते हैं।शायद इसी कारण हमारे पूर्वजों ने "विद्या ददाति विनयं" के बात कही है।
कमजोर याददाश्त के कारक-
जब तक हम कमजोर याददाश्त के कारक को नही समझेंगे इसका इलाज नहीं कर पायेंगे इसलिये पहले संक्षेप में ही सही एक नज़र यहां भी डाल लें।
1.
पहली बात तो हम सभी इंसान अपने दिमाग का सिर्फ 10-20% ही उपयोग कर रहे हैं। यह भाग दो तरह के 'स्मृति भण्डारण' में बंटा हुआ है -- अस्थायी भण्डारण
- स्थायी भण्डारण
अस्थायी भण्डारक कोशिकाओं में कोई बात कुछ देर के लिये याद रहती है, फिर मिट जाती है, जबकि स्थायी भण्डारक कोशिकायें, अच्छी याददाश्त की कारक होती हैं।
यहां भी ध्यान देने योग्य बात यह है कि, स्थायी भण्डारक कोशिकायें सिर्फ
2% ही सक्रिय हो पाती हैं, मुझे अच्छी तरह याद है कि मेरे सर हमेशा हम बच्चों से कहते थे कि आप किसी भी अध्याय को 5 बार पढ़िये और फिर 5 बार लिखिये तो वो अध्याय आपको जिन्दगी भर के लिये याद हो जाता है, पर सवाल यह था कि पुस्तकें इतनी ज्यादा होती थीं की, सभी को इतने बार पढ़ने-लिखने के बारे में सोचकर ही शरीर में झुरझुरी सी पैदा हो जाती थी, अब यही परिस्थिति सभी पर लागू होती है।
कहने का मतलब यह है कि अस्थायी भण्डारक कोशिकाओं से स्थायी भण्डारक कोशिकाओ तक विषय को पहुंचाने के लिये विषय को बार-बार दुहराने की जरूरत पडती है।
2.
एकाग्रता की कमी- कई बच्चे दिन भर किताब लेकर बैठे रहते है, पढ़ते भी हैं, पर एकाग्रता की कमी होने के कारण वो विषय की गहराई तक पहुंच नहीं पाते।3.
अनियोजित ढंग से पढा़ई या काम करना।4.
आत्मविश्वास की कमी।5.
गलत भोजन।6.
अंतिम बात जिस पर बहुत कम लोग ध्यान दे पाते हैं, वो है आपके आसपास की रखी चीजों या किसी इंसान से ऐसी तरंगों का निकलना जो आपकी मस्तिष्कीय तरंगो को अव्यवस्थित करता है।यह 6 कारक हमारे याददाश्त के कमजोर होने के मुख्य कारक हैं।
याददाश्त बढा़ने वाले इस पाठ्यक्रम में मैंने इन्हीं कारकों पर प्रकाश डालकर इनके समाधान निकाले हैं
जिनके नियमित अभ्यास और आपके अपने जागरुकता से आप भी बढिया दिमाग के धनी बन सकते हैं तथा अपने क्षेत्र में उन्नति कर सकते हैं।- डॉ. गरिमा तिवारी
यह तो हुए कारण अब अगली कड़ी में याददाश्त बढ़ाने के नुस्खे भी बताइयेगा। बादाम वगैरह तो बहुत खाली कुछ आसान सा तरीका हो जाये!!
ReplyDeleteसमाधान बताये जायें.
ReplyDeleteउपायों का इंतजार…………
ReplyDeleteइतने साइकेडेलिक से पन्ने पर मेरे लिए पढ़ पाना संभव नहीं है । आजकल आपका ब्लॉग खुल नहीं रहा मुझसे ।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
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ReplyDeleteसमाधान के लिये कृपया सम्पर्क करें :)
ReplyDeletekuch ghar par kiye ja sakne wale upay bataayen.
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ReplyDeleteits really useful for shaping my memeory
ReplyDeleteits really very useful for shaping my memory
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