आज ३० सितम्बर को जीवनऊर्जा के द्वारा १०००वें प्रश्न का समाधान दिया गया। वो भी तब जब जीवनऊर्जा पर नए पोस्ट नहीं डाले जा रहे हैं, मैं समझती हूं कि यह अपने आपमें जीवनऊर्जा के लिए बड़ी उपलब्धि है। जीवनऊर्जा यानि कि आप, मैं और वह हरेक व्यक्ति जो ऊर्जान्वित जीवन जीने की तमन्ना रखता है। आप सबको जीवनऊर्जा की तरफ से ढ़ेरो बधाई।

हम आपके प्रश्नों को पाकर एवम उनके समाधान की कोशिश कर अत्यंत प्रसन्न हो रहे हैं। आगे भी ये सिलसिला यूंही बना रहेगा। आप मुझे avgroup@gmail.com पर अपने सवाल यूंही भेजते रहें और जीवनऊर्जा से अपना स्नेह बनाएं रखें।

हमें यह बताते हुए भी हर्ष हो रहा है कि अब कुछ दिनो से हनी मनी नामक प्रत्रिका में भी जीवनऊर्जा के लेख नियमित रूप से हर महीने आने लगे हैं। उस पत्रिका के पाठको का स्नेह भी जीवनऊर्जा को वैसा ही मिल रहा है जैसा आपने दिया। ..... तहेदिल से शुक्रिया

October 04, 2008

जीवा आयुर्वेद ( सुर्यवार्ता रोग)

सुर्यवार्ता रोग : इस रोग में मुख्य रूप से सर के अगले भाग में सुबह होते ही दर्द होना सुरु हो जाता है ; जैसे जैसे सूरज चड़ता है वैसे वैसे ही सर का दर्द तेज़ होने लगता है ,और जैसे जसे शाम होती है वैसे ही सर का दर्द भी कम होने लगता है ।
आयुर्वेदिक उपचार : यहाँ शारंगधर का एक अचूक योग है : गोरख मुंडी नमक एक ओषधि होती है , रात के समय इसके पंचांग को ६० एम् एल पानी में उबाल कर मिटटी की एक हंडी में रख दे, सुबह उसको छानकर पानी को निथर कर , उस पानी में २५० मिली ग्राम कलि मिर्च का चूरण मिला कर खली पेट पी जाए , ७ दिनों तक लगातार ऐसा करे ,
ऐसा करने पर यह रोग जड़ से ख़तम हो जाएगा :
चेतावनी::: कृपया आयुर्वेदिक डॉक्टर से जरुर सलाह ले ;
डॉ राणा
जीवा आयुर्वेद के लिए

3 comments:

  1. सुर्यवार्ता रोग के बारे में जानकारी देने का शुक्रिया।

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  2. very nice..! you are doing a very good job..
    we have forgotten many things.. especially ayurveda..
    heartiest congratulations...plz keep doing..

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  3. जीवा आयुर्वेद के बारे में जानकारी देने का शुक्रिया।

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