आज ३० सितम्बर को जीवनऊर्जा के द्वारा १०००वें प्रश्न का समाधान दिया गया। वो भी तब जब जीवनऊर्जा पर नए पोस्ट नहीं डाले जा रहे हैं, मैं समझती हूं कि यह अपने आपमें जीवनऊर्जा के लिए बड़ी उपलब्धि है। जीवनऊर्जा यानि कि आप, मैं और वह हरेक व्यक्ति जो ऊर्जान्वित जीवन जीने की तमन्ना रखता है। आप सबको जीवनऊर्जा की तरफ से ढ़ेरो बधाई।

हम आपके प्रश्नों को पाकर एवम उनके समाधान की कोशिश कर अत्यंत प्रसन्न हो रहे हैं। आगे भी ये सिलसिला यूंही बना रहेगा। आप मुझे avgroup@gmail.com पर अपने सवाल यूंही भेजते रहें और जीवनऊर्जा से अपना स्नेह बनाएं रखें।

हमें यह बताते हुए भी हर्ष हो रहा है कि अब कुछ दिनो से हनी मनी नामक प्रत्रिका में भी जीवनऊर्जा के लेख नियमित रूप से हर महीने आने लगे हैं। उस पत्रिका के पाठको का स्नेह भी जीवनऊर्जा को वैसा ही मिल रहा है जैसा आपने दिया। ..... तहेदिल से शुक्रिया

November 25, 2008

बच्चों की समस्त व्याधियों पर बालचतुर्भद्र चुर्ण

काकडासिंगी, अतीस, नागरमोथा, और पीपर समान भाग ले कर बारीक चुर्ण कर लें। तथा कपड्छान कर ले ,इस चुर्ण को शहद मे मिलाकर चटाने से बच्चों के ज्वर,अतिसार,खाँसी, वमन( उल्टियाँ), आदि समस्त व्याधियां नष्ट होती है।
सर्दियों मे इसमे लहसुन की कलीयाँ जलाकर एक द्र्व्य के बराबर मिला ले खासकर खासी मे शहद के लेने पर ज्यादा फ़ायादा करता है
मात्रा: जितने मास का बच्चा है उतनी हि रत्ति शहद के साथ मिलाकर दे ।

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