आज ३० सितम्बर को जीवनऊर्जा के द्वारा १०००वें प्रश्न का समाधान दिया गया। वो भी तब जब जीवनऊर्जा पर नए पोस्ट नहीं डाले जा रहे हैं, मैं समझती हूं कि यह अपने आपमें जीवनऊर्जा के लिए बड़ी उपलब्धि है। जीवनऊर्जा यानि कि आप, मैं और वह हरेक व्यक्ति जो ऊर्जान्वित जीवन जीने की तमन्ना रखता है। आप सबको जीवनऊर्जा की तरफ से ढ़ेरो बधाई।

हम आपके प्रश्नों को पाकर एवम उनके समाधान की कोशिश कर अत्यंत प्रसन्न हो रहे हैं। आगे भी ये सिलसिला यूंही बना रहेगा। आप मुझे avgroup@gmail.com पर अपने सवाल यूंही भेजते रहें और जीवनऊर्जा से अपना स्नेह बनाएं रखें।

हमें यह बताते हुए भी हर्ष हो रहा है कि अब कुछ दिनो से हनी मनी नामक प्रत्रिका में भी जीवनऊर्जा के लेख नियमित रूप से हर महीने आने लगे हैं। उस पत्रिका के पाठको का स्नेह भी जीवनऊर्जा को वैसा ही मिल रहा है जैसा आपने दिया। ..... तहेदिल से शुक्रिया

April 28, 2009

पुरुषत्व वृदि के लिये

आहार मे दुध का प्रयोग , उडद का प्रयोग, नये देसी घी का सेवन, नये अन्नॊ का सेवन, साठी चावल दुध के साथ सेवन, सुखे मेवे, खजुर , मुन्नका, सिंघडा, मधु, मक्खन, मिश्रि, आदि आहार वीर्य वर्धक होते है ।

       अमिष भोजोनो मे ताजा मांस, पक्षियों के अण्डों का सेवन, वन्य चटक पक्षि का मांस, मगर के अण्डे या मांस का सेवन  वीर्य वर्धक होता है ।
           
            आयुर्वेदिक औषोधियों मे , अश्वगन्धा लेह, शतावरी घृत, कामदेव चुर्ण, धातु पौष्टिक चुर्ण, क्रोंच पाक , मुसली पाक, आदि बहुत ही उपयोगी होते है । जिनकॊ प्राय: अवसाद की स्थिति बनी रहती है उनके लिये इन आहार और औषधियों का सेवन बहुत ही हितकर होताहै ।
     देसी गाय का दुध सदा ही हितकर होता है और मानसिक रोगों को जड से खत्म करता है

6 comments:

  1. बहुत ही अच्छी जानकारी है ..पर अधूरी सी !कुछ और विस्तार से बताते तो शायद ठीक रहता..जैसे की पथ्य,,अपथ्य...और कुछ योग आदि

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  2. और स्त्रीत्व के वृद्धि के लिए ? :-)

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  3. achchha hai iske aur bhi nuskhe bataie, yh achchhi suruat hai.
    Arun

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  4. धन्यवाद!इसे थोड़ा विस्तार से बतायें ।

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  5. एवं स्त्रीत्व-वृद्धि के बारे में भी बतायें।

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  6. रति-क्रिया से जुङी, पुरुषत्व -स्त्रीत्व की बात.
    पुरुष बने दाता अगर, ले स्त्री सौगात.
    स्त्री ले सौगात, तो क्या स्त्रीत्व का बढना?
    बात अगर ना समझो, काम सूत्र को पढना.
    कह साधक कवि आयुर्वेद जुङा प्रकृति से.
    स्त्रीत्व-पुरुषत्व की बात जुङी है रति-क्रिया से.

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