कल शाम टहल रही थी। हवा काफी तेज थी पर तेज हवा मे टहलने का भी अपना आनन्द होता है.. आगे बढ़ी तो चुन्नी अपने घर से दौड़ती भागती चली आ रही थी। आते ही तुरन्त आके गले लगने लगी, मैने पुछा चुन्नी क्या बात है? इस खुशी का राज़ तो बताओ, तो वह बोली कि "आप"... (यूँ तो मुझे इस बात की खुशफहमी पालने की आदत पड़ गयी है :)... ) फिर भी मैने पुछा वो कैसे? तो उसने जवाब दिया आपने जो उपाय बताया था ना खुजली के लिये वो काम आ गया और गर्मी मे भी मुझे खुजली नही हूई ना दवाईयाँ खानी पड़ी ना रात को मम्मी को और मुझे जागना पड़ा... यह हुई ना सबसे ज्यादा खुशी की बात, यह सब कुछ आपके कारण हुआ तो आखिर मे खुशी की वजह भी आप ही हैं...।
उसकी बात सुनकर मै भी मुस्कुरा्ये बिना नही रह सकी। हाँ सच मे यह तो अत्यंत खुशी की बात है चुन्नी... फिर खिलाओ मिठाई। धत्त दीदी रोज मुझे कड़वे एलोवेरा के गुदा का रस पीना पड़ता है और आप मिठाई खाओगी? चलो आपको एलोवेरा ही पिलाती हूँ। चुन्नी ने चुटकी ले ली। नही नही मुझे तो अभी मिठाई ही खानी है मै भी भोर सलोने एलोवेरा पीती हूँ दिन मे तो मिठाई ही चाहिये... और हमारी बात कुछ देर चलती रही
चुन्नी की तो अलग बात है... पर चुन्नी की तरह कई बच्चे,बड़े भी गर्मी के दिनो मे अपनी सेन्सटिव स्किन के कारण किसी न किसी प्रकार की खुजली से परेशान रहते हैं। जितनी साधारण परेशानी यह लगती उतनी है नही, जो इसका भुक्तभोगी है वो तो यही कहता है "हे भगवान यह गर्मी क्यों आती है" अगर आप या आपके अपनो मे से कोई इसका भुक्तभोगी है तो आप इस दर्द को समझ सकते हैं।
पर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नही है, मै बताती हूँ कुछ सामान्य उपाय जिससे आप इस परेशानी से बच सकते हैं।
१. सबसे पहला काम, एकदम सौम्य साबुन का ही इस्तेमाल करें, बेहतर है की आप बेबी सोप का इस्तेमाल करें।
२. हल्के गुनगुने पानी मे थोड़ा सा नमक डालकर उससे दिन मे दो बार रोगग्रस्त हिस्से की सफाई करें। उसके बाद एलो वेरा के गुदा मैश करके उसमे ग्लिसरीन मिलाके फिर त्वचा पर लगायें आधे घन्टे बाद हल्के गुनगुने पानी से साफ कर लें।
३. त्वचा को रूखा ना होने दें, जैतुन का तेल लगायें (मेरी पसन्द) अथवा कैलेन्डुला क्रीम ग्लिसरीन की साथ मिलाकर लगायें।
४. खाने पीने का ध्यान रखें, मिर्च मसालो से परहेज और सादा भोजन, यूँ तो गर्मी मे सादा भोजन ही सभी के लिये अच्छा होता है।
५. मौसमी फल जैसे की खीरा, ककड़ी, तरबुज, खरबुज इत्यादि का सेवन जितना हो सके उतना करें।
६. कच्चे नमक का सेवन कम से कम करें।
७. किशमिश, छुआरे का सेवन करें।
८. रोज सुबह एक चम्मच एलोवेरा के गुदा को निकालें और उसे गरम पानी मे घोलकर छान लें फिर इसे पी जायें, खाले पेट। यह जरूर करें।
९. कब्ज हो तो उसका भी उपाय करें।
सामान्य तरह की गर्मी के दिनो मे होने वाली एलर्जी, खुज़ली, दाद के लिये यह था सामान्य उपाय इन्हे अपनायें, आपको अच्छा लगेगा।
अब गंभीर मसला हो तो
८. मेडिटेशन पर स्कीन एलर्जी सीख लें और उसे नियमित करें
९. औरा चेक-अप करायें, और हील करवायें
१०. अपने औरा के मुताबिक कृस्टल पहनें।
११. एक्युप्रेशर या सुजोक और सीड थेरेपी को अपनायें।
इतना सब करिये जरूर फायदा होगा... फिर आप भी मेरी तरह गर्मी का स्वागत करेंगे मीठे मीठे आम और मौसमी फलो के बहार को चखने के लिये।
आज के आधुनिक युग मे जहाँ हमने दवाईयों से कई बीमारीयों पर फतह पायी है, वही इनके साईड-इफ़ेक्ट के कारण कई नयी बीमारीयों से ग्रस्त भी हुए हैं, हमारा यह प्रयास होगा कि आप तक ऐसे अचूक तरीके ले आयें ताकि आप बिना किसी अतिरिक्त हानि के स्वास्थ्य लाभ कर सकें।
आज ३० सितम्बर को जीवनऊर्जा के द्वारा १०००वें प्रश्न का समाधान दिया गया। वो भी तब जब जीवनऊर्जा पर नए पोस्ट नहीं डाले जा रहे हैं, मैं समझती हूं कि यह अपने आपमें जीवनऊर्जा के लिए बड़ी उपलब्धि है। जीवनऊर्जा यानि कि आप, मैं और वह हरेक व्यक्ति जो ऊर्जान्वित जीवन जीने की तमन्ना रखता है। आप सबको जीवनऊर्जा की तरफ से ढ़ेरो बधाई।
हम आपके प्रश्नों को पाकर एवम उनके समाधान की कोशिश कर अत्यंत प्रसन्न हो रहे हैं। आगे भी ये सिलसिला यूंही बना रहेगा। आप मुझे avgroup@gmail.com पर अपने सवाल यूंही भेजते रहें और जीवनऊर्जा से अपना स्नेह बनाएं रखें।
हमें यह बताते हुए भी हर्ष हो रहा है कि अब कुछ दिनो से हनी मनी नामक प्रत्रिका में भी जीवनऊर्जा के लेख नियमित रूप से हर महीने आने लगे हैं। उस पत्रिका के पाठको का स्नेह भी जीवनऊर्जा को वैसा ही मिल रहा है जैसा आपने दिया। ..... तहेदिल से शुक्रिया
मैं खुद खुजली से पीङित, पैरों में है सोराइसिस.
ReplyDeleteऔषधि पथ्य सहित लेता, पाया ना कोई आशीष,
ना पाया आशीष,ठीक कैसे/ कब हो ना जानूँ.
आप बतायें जो भी मैं पूरी श्रद्धा से मानूँ.
कह साधक कविराय,स्वस्थ होना चाहूँ खुद.
पैरों में सोराइसिस, खुजली से पीङित खुद.