आज ३० सितम्बर को जीवनऊर्जा के द्वारा १०००वें प्रश्न का समाधान दिया गया। वो भी तब जब जीवनऊर्जा पर नए पोस्ट नहीं डाले जा रहे हैं, मैं समझती हूं कि यह अपने आपमें जीवनऊर्जा के लिए बड़ी उपलब्धि है। जीवनऊर्जा यानि कि आप, मैं और वह हरेक व्यक्ति जो ऊर्जान्वित जीवन जीने की तमन्ना रखता है। आप सबको जीवनऊर्जा की तरफ से ढ़ेरो बधाई।

हम आपके प्रश्नों को पाकर एवम उनके समाधान की कोशिश कर अत्यंत प्रसन्न हो रहे हैं। आगे भी ये सिलसिला यूंही बना रहेगा। आप मुझे avgroup@gmail.com पर अपने सवाल यूंही भेजते रहें और जीवनऊर्जा से अपना स्नेह बनाएं रखें।

हमें यह बताते हुए भी हर्ष हो रहा है कि अब कुछ दिनो से हनी मनी नामक प्रत्रिका में भी जीवनऊर्जा के लेख नियमित रूप से हर महीने आने लगे हैं। उस पत्रिका के पाठको का स्नेह भी जीवनऊर्जा को वैसा ही मिल रहा है जैसा आपने दिया। ..... तहेदिल से शुक्रिया

July 27, 2008

अब नही तो कब?

लगातार हो रहे विस्फोटो से मन विचलित है, और कही ना कही कुछ न कर पाने कि स्थिती भी दर्द को बढावा देने मे सहयोगी बन रही है, पर मेरा ऊर्जा चिकित्सक दोस्तो से निवेदन है कि कम से कम हम इस दर्द के शिकंजे मे रहकर न जीये। चाहे आप अल्फ़ा हीलर हो, रेकी मास्टर हो या किसी भी अन्य तकनीक से हो, अगर आप दुरस्थ ऊर्जा चिकित्सा कर सकते हैं तो फिर आप कुछ तो कर ही सकते हैं।वैसे तो यह एक नियम है कि बिना मरीज से पूछे उसका इलाज नही किया जा सकता, पर आपातकाल मे यह नियम लागू नही होता है।वैसे मै जानती हूँ कि कई मित्र इस दिशा के तरफ अग्रसर होंगे, पर हम ये भी जानते हैं कि अकेले अकेले लडने की बजाय अगर एक साथ ऊर्जा किरणे प्रवाहित की जाये तो, वो ज्यादा काम करती है। मै चाहती हूँ कि (यकिनन आप भी चाहते होंगे) हम इस दिशा मे एक जूट होकर कुछ कर सके, अस्पताल मे डॉक्टर्स अपना काम कर रहे हैं, कम से कम हम अपने घर मे बैठे इतना तो कर ही सकते हैं, कौन जाने कि हमारी जिन्दगी से निकाले गये ये चन्द घंटे, कितनो कि जिन्दगी बचाने मे सफल हो जाये।आप जहाँ भी है, जिस क्षेत्र मे भी है, अपने आसपास के ऊर्जा चिकित्सको की मदद लिजीये, अपने दोस्तो को एकत्रित किजिये, और अगर आप ऊर्जा चिकित्सक नही भी हैं तो भी दूसरो तक ये बात ले जाईये, साथ दिजिये उनका, जिनक सबकुछ मिटने वाला है।कुछ देर व्यवसाय की जिन्दगी से दूर जिन्दगी के नाम करने का संकल्प लिजिये तभी वास्तव मे हमे खूद पर यकिन होगा कि वास्तव मे हम अभी इंसान हैं, संवेदनायें सिर्फ़ दिखाने के लिये नही कुछ कर दिखाने के लिये अभी जागृत हैं।दोस्तो यह पोस्ट पढकर कॉमेन्ट देने के लिये नही, शक्ति जागृत करने के लिये पढी जाये तो दिल से खूशी होगी।

आपकी गरिमा

4 comments:

  1. आज भारत ही नहीं पूरा विश्‍व आतंकवाद की चपेट में आ चुका है। इस तरह का घिनौना काम करने वाले इंसान कहलाने के लायक भी नहीं हैं। शर्म आती है जिस तरह से भारत में आतंकवादी हमलों में तेज़ी आई है और सुरक्षा तंत्र इसे रोक पाने में असमर्थ रहा है। दोष तो व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार का है। वैसे रही-सही कसर नेतागिरी पूरा कर देती है जो ऐसी घटनाओं का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करते हैं।

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  2. bahut hi umda sankalp hai. keep it up. no commments. just my wishes..

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  3. yes Dr. u ppl shud keep it up. i m nt an energy healer n dont know anyone, bt m wid u in the gr8 cause.

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  4. Bilkul sahi kaha aapne, agar ekjut hokar bharat me garib aur kasht me jee rehe logo ko doorast chikitsa se rahat dee ja sake to ati uttam hoga.

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