पिछली बार हमने अनिद्रा पर बात की थी, अब अनिद्रा के बाद जरूरी हो जाता है अतिनिद्रा पर बात करना, अतिनिद्रा यानि की बहूत ज्यादा नींद आना, एक वक्त था जब मै इसके गंभीर चपेट मे थी, बस बैठे-बैठे ही नींद आ जाती थी। ऐसे हालत से परेशान होकर मैने एक मन्त्र याद किया था, जिसका प्रभाव ये हूआ कि मै १५ दिन तक सो ही नही पायी, खैर अब तक वो मन्त्र मुझे याद नही है, और मै दूबारा उतने खतरनाक मन्त्र को याद भी नही करना चाहूँगी, पर कुछ उपाय जरूर हैं जिनसे मै काफ़ी देर बिना सोये काम कर सकने के लिये तैयार हो जाती हूँ।
आपका काम अगर दिन भर बैठकर करने वाला है तो फिर आप अपने साथ ठंडे पानी का गिलास रखिये, हर एक घंटे पर कुछ घूंट पानी पीते रहिये।
लगातार एक कूर्सी ना बैठकर बीच बीच मे धमा-चौकडी मचा लेनी चाहिये।
नींद भगाने के लिये यूँ तो चाय-कॉफ़ी का सहारा लिया जाता है, पर बहूत ज्यादा मात्रा मे लेना खतरनाक हो सकता है, इसकी जगह आप कोई भी जुस ले सकते हैं, जिससे आपको ताजगी मिलती रहे।
बहूत देर तक एक कमरे मे बैठे रहने के बजाय बाहर टहल कर आने से ताजगी बढ जाती है।
रात को पूरी नींद लें।
अक्सर देखा गया है कि जिनको मल्टी-विटामिन की कमी होती है, उन्हे अति-निद्रा की शिकायत होती है, इसलिये आप मल्टी-विटामिन का सेवन कर सकते हैं।
अति निद्रा किसी अन्य बीमारी के कारण भी हो सकती है, अतः उसका जाँच करा ले और इलाज करायें।
आज का मंत्र-
सुबह बिस्तर छोडने से पहले मानसिक त्राटक करें, शरीर के प्रत्येक हिस्से पर, और फिर सिकुडन और शिथलन करें दस बार। ५ मिनट के लिये शवासन कर लें। इसका नियमित अभ्यास आपको सुबह की ताजगी के साथ रात की चाँदनी तक तरोताजा रखेगा।
साथ मे आप भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास भी करिये रोज ५-१० बार और बस बेफिक्र रहिये, तरो-ताजा रहिये।
आज के आधुनिक युग मे जहाँ हमने दवाईयों से कई बीमारीयों पर फतह पायी है, वही इनके साईड-इफ़ेक्ट के कारण कई नयी बीमारीयों से ग्रस्त भी हुए हैं, हमारा यह प्रयास होगा कि आप तक ऐसे अचूक तरीके ले आयें ताकि आप बिना किसी अतिरिक्त हानि के स्वास्थ्य लाभ कर सकें।
आज ३० सितम्बर को जीवनऊर्जा के द्वारा १०००वें प्रश्न का समाधान दिया गया। वो भी तब जब जीवनऊर्जा पर नए पोस्ट नहीं डाले जा रहे हैं, मैं समझती हूं कि यह अपने आपमें जीवनऊर्जा के लिए बड़ी उपलब्धि है। जीवनऊर्जा यानि कि आप, मैं और वह हरेक व्यक्ति जो ऊर्जान्वित जीवन जीने की तमन्ना रखता है। आप सबको जीवनऊर्जा की तरफ से ढ़ेरो बधाई।
हम आपके प्रश्नों को पाकर एवम उनके समाधान की कोशिश कर अत्यंत प्रसन्न हो रहे हैं। आगे भी ये सिलसिला यूंही बना रहेगा। आप मुझे avgroup@gmail.com पर अपने सवाल यूंही भेजते रहें और जीवनऊर्जा से अपना स्नेह बनाएं रखें।
हमें यह बताते हुए भी हर्ष हो रहा है कि अब कुछ दिनो से हनी मनी नामक प्रत्रिका में भी जीवनऊर्जा के लेख नियमित रूप से हर महीने आने लगे हैं। उस पत्रिका के पाठको का स्नेह भी जीवनऊर्जा को वैसा ही मिल रहा है जैसा आपने दिया। ..... तहेदिल से शुक्रिया
बहुत अच्छे.
ReplyDeleteसुझाओं के लिए आभार.
कभी अगर अतिनिद्रा से परेशां हुए तो जरुर अमल करेंगे.
अनिद्रा वाला हमारे काम का था ौर यह हमारे साहबजादे के काम का. :) पूरे खानदान का इलाज मिल जा रहा है.
ReplyDeletenahi mein nidra se pareshan hu
ReplyDeletesorry
but u have written on very special subject and well edited
regards