इस रोग के होने के कारण हमारी आज कल की भाग दौड़ भरी जिंदगी ..उल्टा सीधा खाना खाना और समय पर न सोना न उठना , अधिक ठंडा या गरम भोजन खाना आदि हैं |
इस रोग के लक्षण है कि भूख अधिक लगती है पर कुछ खाते ही एक घंटे के बाद तकलीफ शुरू हो जाती है | छाती में जलन और कई बार पेट दर्द तक होने लगता है किसी किसी को उल्टी भी आ जाती है |लोग इस रोग के लिए सोडा इस्तेमाल करते हैं पर यह उस समय तो मुसीबत हल कर देता है पर बाद में अधिक अम्ल बनाता है |
इस के लिए प्राकतिक चिक्तिसा में बहुत से उपाय है जो आराम देते हैं |
इस रोग में भाप स्नान ,वह गीली चाद्दर में लपेट देने से लाभ मिलता है
रोगी को रोज़ सुबह शाम को गीले तोलिये से पोंछ देना चाहिए इस से शरीर में रक्त संचार बढ़ता है नींद भी अच्छी आती है|
खुली हवा में व्यायाम करना चाहिए इस से शरीर में आक्सीडेशन की किर्या बढती है|यदि व्यायाम न कर पाये तो टहल ले खुली हवा में और गहरी साँसे या प्राणयाम करे |
अधिक मात्रा में पानी पीयें .|
आहार पर विशेष ध्यान दे |ताजे फल , सलाद ,सब्जियों जा सूप , फ्हलों का रस उबली सब्जी ही खाए
खीर तरबूज सेव का रस मीठा संतरा .किशमिश आदि खाने चाहिए |
चाय काफ़ी एल्कोहल मांस आदि को न अपने भोजन में शामिल करे|
अधिक तकलीफ होने पर अपने प्राकतिक चिकित्सक से संपर्क करे और ""उर्जा रेकी ""के लिए डॉ गरिमा से सलाह ले
- सफेद काँच के बोटल मे, पानी भरकर धूप मे रखिये ३ घंटे, सुबह शाम इसका सेवन करें।
- अपने औरा मे गौण कलर के रूप मे पीले रंग से ऊर्जान्वित करवाईये।
- वज्रासन करने की आदत डाल लिजिये।
- ऊर्जा चिकित्सक से ऊर्जा चिकित्सा कराईये।
सेल्फ मेडिटेशन-
बड़े गुणकारी और सार्थक उपाय बताये हैं आपने रंजू दी.आभार.
ReplyDeleteएक नुस्खा जो मेरी सासू माँ ने बताया जब उसे अमल में लाया तो बड़ा ही फायदेमंद लगा,उसे आपलोगों से बांटना चाहूंगी.
एक लीटर पानी को अच्छी तरह उबालकर और ठंडा हो जाने पर उसमे दो पुडिया कपूर(जो आरती या हवन के लिए पूजा में व्यवहृत होता है)को चूर्ण कर उस पानी में मिला कर पानी को एक कांच के बोतल में रख फ्रीज में रख लें और जब कभी गैस,अपच उल्टी या दस्त की समस्या हो तो उस कपूर मिश्रित पानी में से चौथाई कप पानी बाकि एक कप पानी में मिला कर पी लेने से पाँच सात मिनट के अन्दर आश्चर्य जनक रूप से आराम मिलता है.
शायद इसलिए हिन्दुओं में पूजा में कपूर से सुबह शाम आरती की प्रथा है.दरअसल इसका धुआं पेट के किसी भी तकलीफ में बड़ा ही फायदेमंद है.
SHUKRIYA ACHI JANKARI DENE KA
ReplyDeleteChai kaise quit kee jaa sakti hai. koi upaay hai ji.
ReplyDeleteAbhi mein bhi nayi hun blogging mein. Mera blog hai http://www.rekhaa.net, apnaa suggestion dein ki kaise main ise aur bhi improve kar sakti hun. Agar ho sake to feed bhi subscribe karen.
Namaste..
Taruna
वाह रंजना जी बहुत ही अच्छा उपाय बताया आपने ..आसान भी है और सासू माँ का अजमाया हुआ भी ..कफूर की महत्ता से सच में इनकार नही किया जा सकता है इसके अनेक लाभ है .. शुक्रिया
ReplyDeleteरंजू जी
ReplyDeleteक्या बात है। आपतो सारे रोग ही भगा देंगीं। एक सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई।
काफी अलग हट कर लिखा आपने ! उपयोगी जानकारी के लिए शुक्रिया !
ReplyDeleteदोनों रंजना जी का बहुत बहुत शुक्रिया.... मुझे तो ऐसी कोई दिक्कत नही है लेकिन मेरे एक दोस्त को है... उसे यह पोस्ट मेल कर देता हू...पुनः आप लोगो का शुक्रिया
ReplyDeletebahut achchha laga
ReplyDeletebahut hi achhi bat kahi aapne mujhe bahut faidye huye
ReplyDeletebahut hi achi baat kahi apne ....
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