शीत ऋतु मे विभिन्न रोगों से बचने के लिये एवं शरीर की पुष्टि के लिये इसका प्रयोग किया जाता है।
मेथी पाक के योग्य रोग: एवं रोगी:आमवात(arthritis) वात रोग(arthritis), विषम ज्वर, अपस्मार(मिरीगी रोग) प्रमेह( diseases of the urine) , प्रदर रोग, कफ़ज एवं वातज प्रकृति के मनुष्य, शीत ऋतु मे पथ्य, बलवर्धक, एवं वीर्य वर्धक,
अयोग्य रोग, रोगी एवं काल.: ग्रीष्म काल, पित्तज प्रकृति, रक्त पित्त के रोगी
निर्माण विधि
मेथी एवं सोंठ प्रत्येक ३५० ग्रा. लेकर कपड छान चुर्ण करते है,६लिटर दुध मे ३५० ग्रा. घी डाले तथा चुर्ण मिलाकर तब तक धीमी आँच पकाएं जब तक सभी घटक द्र्व्य एकरस ना हो जांए,उसके बाद २.५ किलो शक्कर डालकर दोबारा फिर धीमी आँच पर पकाएं
पकने के बाद जब खोए की तरह हो जाए, तब उसमे पीपर,पीपरमूल, चित्रक, अजवायन, जीरा,धनिया, कलॊंजी, सॊंफ़, जायफल,दालचीनी, तेजपत्र, एवं नागरमोथा, प्रत्येक ४० ग्रा, का चुर्ण अच्छी तरह मिलाए, काली मिरच का चुर्ण ६० ग्रा. मिलाए।
मात्रा: शक्ति के अनुसार; दुध के साथ
आज के आधुनिक युग मे जहाँ हमने दवाईयों से कई बीमारीयों पर फतह पायी है, वही इनके साईड-इफ़ेक्ट के कारण कई नयी बीमारीयों से ग्रस्त भी हुए हैं, हमारा यह प्रयास होगा कि आप तक ऐसे अचूक तरीके ले आयें ताकि आप बिना किसी अतिरिक्त हानि के स्वास्थ्य लाभ कर सकें।
आज ३० सितम्बर को जीवनऊर्जा के द्वारा १०००वें प्रश्न का समाधान दिया गया। वो भी तब जब जीवनऊर्जा पर नए पोस्ट नहीं डाले जा रहे हैं, मैं समझती हूं कि यह अपने आपमें जीवनऊर्जा के लिए बड़ी उपलब्धि है। जीवनऊर्जा यानि कि आप, मैं और वह हरेक व्यक्ति जो ऊर्जान्वित जीवन जीने की तमन्ना रखता है। आप सबको जीवनऊर्जा की तरफ से ढ़ेरो बधाई।
हम आपके प्रश्नों को पाकर एवम उनके समाधान की कोशिश कर अत्यंत प्रसन्न हो रहे हैं। आगे भी ये सिलसिला यूंही बना रहेगा। आप मुझे avgroup@gmail.com पर अपने सवाल यूंही भेजते रहें और जीवनऊर्जा से अपना स्नेह बनाएं रखें।
हमें यह बताते हुए भी हर्ष हो रहा है कि अब कुछ दिनो से हनी मनी नामक प्रत्रिका में भी जीवनऊर्जा के लेख नियमित रूप से हर महीने आने लगे हैं। उस पत्रिका के पाठको का स्नेह भी जीवनऊर्जा को वैसा ही मिल रहा है जैसा आपने दिया। ..... तहेदिल से शुक्रिया
धन्यवाद है आपका,समझे मैथी-पाक.
ReplyDeleteकङवे-पन में भर गई,यह मीठी सौगात.
यह मीठी सौगात,स्वास्थ्य-सुख भी देती है.
सर्द-ऋतु मे कई रोग भी हर लेती है.
कह साधक कवि,लाखों पर उपकार आपका.
और बतायें पाक, धन्यवाद है आपका.
अति सुंदर |
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनाये |
बहुत उम्दा जानकारी!!
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
दीपावली की शुभ कामनाएं.
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी के लिए आभार.
आप ने पिता जी की याद दिला दी. वे बनाया करते थे इसे। वे बादामपाक भी बनाते थे सर्दी के दिनों में। नुस्खे के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत उपयोगी जानकारी दी है आपने .मेथेरे को काया कल्प करने की दिशा में भी उपयोगी समझा जाता है ..यदि उसका कोई सरल प्रयोग हो तो जरुर बताये ..दीवाली को बहुत बहुत बधाई आपको
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