लक्षण-
मुख्यरूप से शुरुआत हो रहा है गले मे हल्के से दर्द से, जैसे टांसिल मे शोथ हो, दर्द १२-१८ घंटे के अंदर बढने लग रहा है, फ़िर शरीर मे दर्द, जुकाम सी स्थिती और बुखार, और उसके बाद भयंकर खाँसी से सामना हो रहा है जो कि १ हफ़्ते से लेकर १ महीने तक परेशान कर सकता है, सामान्य तौर पर मरीज इसे मौसम की मार समझकर हल्की फ़ुल्की दवा खाकर सोच रहे हैं कि बस २-३ दिनो मे ठीक हो जाना है, पर ऐसा हो नही रहा है, और जब तक चिकित्सक से सलाह ली जाती है, रोग चरम सीमा पर मिल रहा है, आगे आप जानते हैं, स्वास्थ्य और पैसा दोनो को भुनाईये।
पहले आप यह जानिये कि क्या करें, उपरोक्त लक्षण प्रकट होने पर-
- पहले तो आप तुरन्त गलाले शुरू किजिये
- ठंडी चीजो से कुछ दिनो के लिये दुरी बनाईये
- अदरक का छोटा सा टुकडा चुसना शुरू करें,
- काँच के लाल बोटल मे पानी डालकर १ घंटे के उसे धुप मे रखिये, पानी को सामान्य तापमान पर आने दें, फ़िर थोडा थोडा करके इसे पिये।(बोटल लाल नही मिलने पर सफ़ेद बोटल पर लाल रंग का कागज चिपका लें)।
- १२ घंटे का इंतजार कर लिजिये, अगर फ़र्क नही पडता है या फ़िर परेशानी बढती हुई लगे तो डाक्टर पास जरूर जायें।
- एन्टीबायोटिक के साईड-ईफ़ेक्ट से बचने के लिये, और जल्दी से ठीक होने के लिये, सेल्फ़-मेडिटेशन करें।
- इस दौरान कडी १-४ तक कि विधी को भी जरूर चालु रखें।
- इन सबके बाद भी अगर ५ दिनों मे आराम नही होता है तो ऊर्जा चिकित्सक को समपर्क करें, और ऊर्जा चिकित्सा करवायें (आप चाहे तो पहले दिन ही सम्पर्क कर लें)।
अब बताती हुँ कि हम बचाव के लिये क्या करे
- सबसे पहला काम कि अगर आपके आस-पास, आपका कोई मित्र, परिजन इस रोग से ग्रसित हैं तो उसके सामान इत्यादि से थोडी दुरी बना ले, कारण कि यह अत्यंत सक्रामक है।
- बहुत ज्यादा ठंडी चीजो से दुरी बनाकर रखना अच्छा होगा, (सामन्यतः कभी भी इस कायदे मे रहना चाहिये)।
- किसी भी तरह के अशुद्ध भोजन से बचे कारण कि बरसात के दिन मे सडन जल्दी होती है, और हमको पता भी नही चलता कि किस तरह के भोजन से हमने कौन से रोग का बीज डाल दिया।
- कमजोर औरा रोग प्रतिरोध को कम करता है, इसलिये साप्ताहिक तौर पर औरा ऊर्जान्वित करायें।
- इन दिनो लाल रंग का क्रिस्टल आपने साथ रखना फ़ायदेमंद है, यह प्रयोग मैने निजी पर भी किया है, और इतने मरीजो के बीच रहने के बावजुद अभी तक इसके चपेट से बची हुँ।
- खाने मे दालचीनी और काली मिर्च की मात्रा को थोडा अधिक कर लें।
- इस सबके बावजुद अगर इस बिमारी के चपेट मे आ जाते हैं तो ??? अर्रे भाई इस लेख को फ़िर से पढ लिजिये :)
जानकारी के लिये धन्यवाद।
ReplyDeleteचलो देर आए दुरुस्त आए. इसी बहाने डा. दीदी की वापिसी तो हुई. लिखती रहा करो. दुनिया को बहुत कुछ सीखने मिलता है तुमसे.
ReplyDeleteहर्ष के उपर आजमा कर देखते हैं, कई दिनों से खांसी मिट ही नहीं रही।
ReplyDeleteचलिए इस लेख को पढ़ने का फायदा यह होगा कि हम इस मौसम की मार से बच जायेंगे। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत ही उपयोगी जानकारी वो भी सही वक्त पर .आभार !
ReplyDeleteआता रहूँगा सलाह लेने .
बहुत उपयोगी जानकारी गरिमा ..मैं भी वापस आती हूँ कुछ और जानकारी ले कर :)
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