आज के इस आधुनिक युग मे, अनियमित खान पान से , जब शरीर एनेक रोगों का घर बन जाता है । इसमे हृदय रोग विषेश स्थान रखता है! शहरी लाइफ़ स्टाईल से हृदय रोग अधिक उत्त्पन्न होते है
इसके लिये एक बहुत ही सरल योग है ! आशा करते है यह आपके लिये फ़ायेदेमंद रहेगा।
४० ग्रा. दाख, ३ ग्रा. शहद, २ ग्रा. घी, इन सब को मिलाकर लगातार सेवन करने से हृदय की पीडा शांत होती है ( आभार: रस राज महोदधि)
आयुर्वेद की अधिक जानकारी के लिये आप मेरे वाले ब्लाग को भी देख सकते है।
आज के आधुनिक युग मे जहाँ हमने दवाईयों से कई बीमारीयों पर फतह पायी है, वही इनके साईड-इफ़ेक्ट के कारण कई नयी बीमारीयों से ग्रस्त भी हुए हैं, हमारा यह प्रयास होगा कि आप तक ऐसे अचूक तरीके ले आयें ताकि आप बिना किसी अतिरिक्त हानि के स्वास्थ्य लाभ कर सकें।
आज ३० सितम्बर को जीवनऊर्जा के द्वारा १०००वें प्रश्न का समाधान दिया गया। वो भी तब जब जीवनऊर्जा पर नए पोस्ट नहीं डाले जा रहे हैं, मैं समझती हूं कि यह अपने आपमें जीवनऊर्जा के लिए बड़ी उपलब्धि है। जीवनऊर्जा यानि कि आप, मैं और वह हरेक व्यक्ति जो ऊर्जान्वित जीवन जीने की तमन्ना रखता है। आप सबको जीवनऊर्जा की तरफ से ढ़ेरो बधाई।
हम आपके प्रश्नों को पाकर एवम उनके समाधान की कोशिश कर अत्यंत प्रसन्न हो रहे हैं। आगे भी ये सिलसिला यूंही बना रहेगा। आप मुझे avgroup@gmail.com पर अपने सवाल यूंही भेजते रहें और जीवनऊर्जा से अपना स्नेह बनाएं रखें।
हमें यह बताते हुए भी हर्ष हो रहा है कि अब कुछ दिनो से हनी मनी नामक प्रत्रिका में भी जीवनऊर्जा के लेख नियमित रूप से हर महीने आने लगे हैं। उस पत्रिका के पाठको का स्नेह भी जीवनऊर्जा को वैसा ही मिल रहा है जैसा आपने दिया। ..... तहेदिल से शुक्रिया
कितना और कितनी बार खाना है, थोड़ा विस्तार से बतायें.
ReplyDeleteयह भी आया है कि कोलोट्रोल का मरीज प्रतिदिन निहा मुंह दो चम्मत पयास का अर्क ले तो बहुत ही फायदेमंद है
ReplyDeleteअशोक मधुप
आपका ब्लॉग तो बडे काम का है . आभार !
ReplyDeleteबहुत आसान और सरल उपाय बताया आपने ..शुक्रिया
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