आज ३० सितम्बर को जीवनऊर्जा के द्वारा १०००वें प्रश्न का समाधान दिया गया। वो भी तब जब जीवनऊर्जा पर नए पोस्ट नहीं डाले जा रहे हैं, मैं समझती हूं कि यह अपने आपमें जीवनऊर्जा के लिए बड़ी उपलब्धि है। जीवनऊर्जा यानि कि आप, मैं और वह हरेक व्यक्ति जो ऊर्जान्वित जीवन जीने की तमन्ना रखता है। आप सबको जीवनऊर्जा की तरफ से ढ़ेरो बधाई।

हम आपके प्रश्नों को पाकर एवम उनके समाधान की कोशिश कर अत्यंत प्रसन्न हो रहे हैं। आगे भी ये सिलसिला यूंही बना रहेगा। आप मुझे avgroup@gmail.com पर अपने सवाल यूंही भेजते रहें और जीवनऊर्जा से अपना स्नेह बनाएं रखें।

हमें यह बताते हुए भी हर्ष हो रहा है कि अब कुछ दिनो से हनी मनी नामक प्रत्रिका में भी जीवनऊर्जा के लेख नियमित रूप से हर महीने आने लगे हैं। उस पत्रिका के पाठको का स्नेह भी जीवनऊर्जा को वैसा ही मिल रहा है जैसा आपने दिया। ..... तहेदिल से शुक्रिया

November 06, 2008

हृदय रोग की अपु्र्व दवा !

आज के इस आधुनिक युग मे, अनियमित खान पान से , जब शरीर एनेक रोगों का घर बन जाता है । इसमे हृदय रोग विषेश स्थान रखता है! शहरी लाइफ़ स्टाईल से हृदय रोग अधिक उत्त्पन्न होते है
इसके लिये एक बहुत ही सरल योग है ! आशा करते है यह आपके लिये फ़ायेदेमंद रहेगा।
४० ग्रा. दाख, ३ ग्रा. शहद, २ ग्रा. घी, इन सब को मिलाकर लगातार सेवन करने से हृदय की पीडा शांत होती है ( आभार: रस राज महोदधि)
आयुर्वेद की अधिक जानकारी के लिये आप मेरे वाले ब्लाग को भी देख सकते है।

4 comments:

  1. कितना और कितनी बार खाना है, थोड़ा विस्तार से बतायें.

    ReplyDelete
  2. यह भी आया है कि कोलोट्रोल का मरीज प्रतिदिन निहा मुंह दो चम्मत पयास का अर्क ले तो बहुत ही फायदेमंद है
    अशोक मधुप

    ReplyDelete
  3. आपका ब्लॉग तो बडे काम का है . आभार !

    ReplyDelete
  4. बहुत आसान और सरल उपाय बताया आपने ..शुक्रिया

    ReplyDelete

जरूर बताये, आज कि यह जानकारी कैसी लगी? अच्छी नही लगी हो तो भी बतायें, ताकि हम खुद को निखार सकें :)